प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई की सफल यात्रा के बाद आज सिंगापुर पहुंच गए। वह सिंगापुर के अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर वहां गये हैं। सिंगापुर के गृहमंत्री के शनमुगम ने प्रधानमंत्री की आगवानी की।
दोनों नेता भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी करीब 6 साल बाद सिंगापुर की यात्रा कर रहे हैं। भारत का सिंगापुर के साथ रक्षा के क्षेत्र में मजबूत संबंध रहा है। दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में व्यापार और निवेश में लगातार वृद्धि हुई है। आसियान संगठन में सिंगापुर, भारत का सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत भी है।
इससे पहले आज भारत और ब्रुनेई के बीच उपग्रह और प्रक्षेपणयानों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलिकमांड स्टेशन के संचालन में सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों देश आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ बनाने पर भी सहमत हुए। बंदर सेरी बेगवान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच परस्पर संपर्क जैसे सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा भी की। उन्होंने परस्पर हित के क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ब्रुनेई, भारत की एक्ट ईस्ट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ब्रुनेई आने और सुल्तान के साथ भविष्य के संबंधों पर चर्चा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि यह भी एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष भारत-ब्रुनेई द्विपक्षीय साझेदारी की 40वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। श्री मोदी ने एक अरब 40 करोड भारतवासियों की ओर से ब्रुनेई की स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ पर सुल्तान और वहां के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रुनेई के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं और इनकी मैत्री का आधार महान सांस्कृतिक परंपरा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रुनेई के सुल्तान के नेतृत्व में दोनों देशों के रिश्ते दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्रुनेई के सुल्तान की भारत यात्रा को आज भी भारतीयों द्वारा बड़े गर्व के साथ याद किया जाता हैं।
ब्रुनेई के सुल्तान द्वारा श्री मोदी के सम्मान में दिए गए भोज में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ब्रुनेई अपनी साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए भारत और ब्रुनेई ने रक्षा उद्योग प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में सकारात्मक विचार रखे। दोनों देश बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी उड़ान शुरु करने पर भी सहमत हुए।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय समुदाय ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास के उद्घाटन से भारतीय समुदाय को एक स्थायी सुविधा मिल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा आसियान क्षेत्र में शांति को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत नौवहन और मुक्त हवाई क्षेत्र का समर्थन करता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ‘विकासवाद’ का समर्थन करता है, न कि ‘विस्तारवाद’ का।