प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के कजान में हाल ही में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को झारखंड की कलाकृति उपहार में दी। झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले की सोहराई पेंटिंग इस क्षेत्र की स्वदेशी कला की सुन्दरता को दर्शाती है। सोहराई चित्रकारी को एक ज़िला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत मान्यता दी गई है।
सोहराई पेटिंग को अपने प्राकृतिक रंगों के लिए जाना जाता है। इसे बनाने के लिए कलाकार टहनियों, चावल के भूसे से बने ब्रश या अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ईरान और उज्बेकिस्तान के नेताओं को महाराष्ट्र की विशिष्ट कलाकृति उपहार में दी। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति को तटीय शिल्प कौशल की कृति मदर ऑफ पर्ल सी शैल फूलदान भेंट में दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति को वारली पेंटिंग उपहार में दी, जिसे महाराष्ट्र के डहाणू, तलासरी और पालघर क्षेत्र में रहने वाला वारली समुदाय बनाता है। इस कला में साधारणता, प्रकृति और दैनिक जीवन की झलक दिखती है। ये जनजातीय कला भारत की सबसे पुरानी कलाओं में से एक है, जिसकी उत्पत्ति 3000 ईसापूर्व में मानी जाती है।