पौड़ी गढ़वाल में पिरूल यानी चीड़ की पत्तियों को अब आर्थिकी का अहम हिस्सा बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल वनाग्नि की समस्या को कम करने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि नैनीडांडा विकासखंड के तहत क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) पिरूल का संग्रहण कर उसे ब्रिकेटिंग यूनिट तक पहुंचा रहा है। इसके अलावा, सतपुली में पिरूल प्रोसेसिंग के लिए एक बड़ा प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे पिरूल से तैयार ब्रिकेट को थर्मल पावर प्लांट और अन्य उद्योगों में कोयले के साथ इस्तेमाल किया जा सकेगा।
यह कदम स्थानीय स्तर पर बायोमास से बनी ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगा और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।