पोप फ्रांसिस के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। पोप फ्रांसिस का आज 88 वर्ष की आयु में वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटी उम्र से ही पोप ने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस ने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की और पीड़ित लोगों में आशा की किरण जगाई।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें अत्यंत विनम्र व्यक्ति के रूप में याद किया। उन्होंने वंचितों के प्रति उनके प्रेम का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि पोप की विरासत दुनिया को प्रेरित करती रहेगी। यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष काजा कल्लास ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने दुनिया के सभी कैथोलिकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, कैथोलिक चर्च और दुनिया ने कमज़ोर वर्गों की आवाज उठाने वाला, मिलनसार और उत्साही व्यक्ति खो दिया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी के लिए न्यायपूर्ण दुनिया को बढ़ावा देने के पोप फ्रांसिस के अथक प्रयास हमेशा याद किए जाते रहेंगे।
इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी ने भी गहरा दुख व्यक्त किया और पोप फ्रांसिस को एक महान व्यक्ति और पादरी बताया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पोप फ्रांसिस चाहते थे कि चर्च सबसे गरीब लोगों के लिए खुशी और उम्मीद लेकर आए।