पारंपरिक ज्ञान के संचार और प्रसार पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आज गुरुग्राम विश्वविद्यालय में शुरू हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआईआर, राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान-निस्पर और गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएसआईआर-निस्पर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने वैज्ञानिक रूप से मान्य भारतीय पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने में वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित पारंपरिक ज्ञान के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि निस्पर ने सोशल मीडिया के माध्यम से 17 भारतीय भाषाओं में सामाजिक रूप से आकर्षक वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित पारंपरिक ज्ञान की कहानियों का प्रसार किया है। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर के.के. अग्रवाल ने अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिंदी और पंजाबी भाषाओं में दो डिजिटल फ्लिपबुक: ट्रेजर ऑफ इंडियन ट्रेडिशन्स: ए जर्नी थ्रू साइंटिफिकली वैलिडेटेड इंडियन ट्रेडिशनल नॉलेज के साथ-साथ स्मारिका और पुस्तक का विमोचन भी हुआ।