विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले ने भारत को सीमा पार आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विवश किया था। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया लक्षित तथा नपी-तुली थी और हमारा इरादा स्थिति को बिगाड़ने का नहीं था।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि यदि भारत पर कोई सैन्य हमला होता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि बहुत ही सख्ती के साथ उसका जवाब दिया जाएगा। उन्होंने ईरान के विदेशमंत्री डॉ सईद अब्बास अरागची के साथ भारत-ईरान 20वीं संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। यह बैठक भारत-ईरान मैत्री संधि पर हस्ताक्षर की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि श्री अरागची ऐसे समय पर भारत आए हैं, जब हमारा देश 22 अप्रैल को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हुए निर्मम आतंकी हमले का माकूल जवाब दे रहा है।
अगस्त 2024 में ईरान के विदेश मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. अरागची की यह पहली भारत यात्रा है। दोनों पक्ष आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों और द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने के लिए कई विषयों पर बातचीत करेंगे।