उत्तराखण्ड और नेपाल के बीच देहरादून में कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग पर आधारित बैठक व परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इसे दोनों देशों के लिए सार्थक बताते हुए कहा कि भारत और नेपाल की रिश्ता रोटी-बेटी का है। उन्होंने कहा कि राज्य के तराई व भावर क्षेत्र खाद्यान्न उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी और सगंध पौधों की भारी संभावनाएं हैं।
उन्होंने नेपाल से आए प्रतिनिधिमंडल से अपील की, कि उत्तराखण्ड और नेपाल मिलकर कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में सहयोग करें, जिससे दोनों पक्षों को रोजगार और आर्थिक समृद्धि के नए अवसर मिल सकें। उन्होंने विश्वास जताया कि यह बैठक दोनों क्षेत्रों के बीच दीर्घकालिक सहयोग की आधारशिला सिद्ध होगी और कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।
वहीं, नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे अत्यंत सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कारगर हैं, बल्कि किसानों की आय को भी बढ़ावा देते हैं।