नीति आयोग जल प्रबंधन, संरक्षण और निरंतरता के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कल से 15 दिन का जल उत्सव शुरू करेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस विचार से प्रेरित है कि नदी उत्सव की तर्ज पर जल उत्सव भी मनाया जाना चाहिए। श्री मोदी ने पिछले साल दिसंबर में तीसरे सचिव सम्मेलन में यह बात कही थी।
नीति आयोग ने एक वक्तव्य में कहा कि जल उत्सव 6 से 24 नवम्बर के दौरान 20 आकांक्षी जिलों और विकास खंडों में मनाया जाएगा। यह आयोजन राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, पेयजल और स्वच्छता विभाग तथा जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। बीस राज्यों में चलाए जाने वाले इस अभियान में जल संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा में सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया जाएगा। इसके दौरान पानी के उपयोग और जल प्रबंधन को दक्ष बनाने के लिए जिम्मेदारी का बोध कराया जाएगा। जल प्रबंधन गतिविधियों में स्कूली छात्रों को शामिल किया जा रहा है, ताकि वे परिवारों और समुदायों के लिए इस दिशा में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकें।
15 दिन का जल अभियान जल बंधन के साथ शुरू होगा। जल बंधन अनुष्ठान में जानी-मानी हस्तियां और स्थानीय नेता जल स्रोतों पर पवित्र धागा बांधेंगे। विकास खंडों और जिलों में जल संपदा का तथ्य पत्र भी जारी किया जाएगा।
पूलसे/1859