केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी नक्सलवाद से प्रभावित सभी राज्य कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं और मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए एक बार सभी का पूरी ताकत से जुटना आवश्यक है।
श्री शाह ने आज नई दिल्ली में वामपंथी नक्सलवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक महीने में कम-से-कम एक बार विकास कार्यों और नक्सल रोधी अभियानों की समीक्षा करने का अनुरोध किया। श्री शाह ने पुलिस महा निदेशकों से प्रत्येक पखवाडे में एक ऐसी ही समीक्षा करने को कहा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है और देश के आठ करोड़ आदिवासी लोगों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों और आदिवासी समुदायों में विकास के लिए आज नक्सलवाद सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए नक्सलवाद का खात्मा आवश्यक है।
श्री शाह ने कहा कि वामपंथी नक्सलवाद के विरूद्ध संघर्ष अंतिम चरण में है और मार्च 2026 तक देश दशकों पुरानी इस बुराई से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने नक्सलवाद के विरूद्ध सफलता पाने में छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की।
श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक सुरक्षा संबंधी योजनाओं में एक हजार एक सौ 80 करोड़ रूपए खर्च किए गए। मोदी सरकार ने वर्ष 2014 से 2024 तक इसे तीन गुना बढ़ाकर तीन हजार करोड़ रूपए से अधिक कर दिया है।
बैठक में छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश के गृहमंत्री ने भागीदारी की। इसके अलावा नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी बैठक में मौजूद रहे।