देश में मई महीने में खाद्य पदार्थों के दाम घटने से खुदरा मुद्रा स्फीति की दर घटकर दो दशमलव आठ प्रतिशत पर आ गई। अप्रैल में यह दर तीन दशमलव एक-छह प्रतिशत दर्ज हुई थी। सांख्यकिी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वार्षिक आधार पर यह फरवरी 2019 के बाद सबसे कम मुद्रा स्फीति दर है। इस दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रा स्फीति की दर घटकर दो दशमलव पांच-नौ प्रतिशत पर आ गई जबकि शहरी इलाकों में यह दर तीन दशमलव शून्य-सात प्रतिशत दर्ज हुई।
अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रा स्फीति दर पिछले महीने अस्थायी रूप से शून्य दशमलव नौ-नौ प्रतिशत दर्ज हुई जो अक्तूबर 2021 के बाद का न्यूनतम स्तर है। अप्रैल में यह दर एक दशमलव सात-आठ प्रतिशत दर्ज हुई थी। मई में ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य मुद्रा स्फीति दर शून्य दशमलव नौ-पांच प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह एक दशमलव आठ-पांच प्रतिशत रही थी। देश में अप्रैल महीने में शहरी क्षेत्रों में खाद्य मुद्रा स्फीति दर एक दशमलव छह-चार प्रतिशत रही थी, जबकि मई में यह घटकर शून्य दशमलव नौ-छह प्रतिशत पर आ गई। मंत्रालय के अनुसार दाल और उसके उत्पाद सस्ती होने तथा फल, सब्जियां, अनाज और उत्पाद, घरेलू सामान और सेवा, चीनी और इसके उत्पाद तथा अण्डे के दाम घटने के साथ आधार प्रभाव अनुकूल रहने से मुद्रा स्फीति में यह गिरावट आई है।