तपेदिक यानी टी.बी. उन्मूलन के लिए भारत के प्रयासों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। वर्ष 2015 से 2023 तक टी.बी. की मामलों में 17 प्रतिशत से अधिक की रिकॉर्ड कमी आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट 2024 के अनुसार यह दर आठ दशमलव तीन प्रतिशत की वैश्विक औसत गिरावट से दोगुनी है।
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत ने, वर्ष 2030 की समय सीमा से पांच वर्ष पहले 2025 तक टी.बी. उन्मूलन लक्ष्य हासिल करने का वायदा किया था। यह उपलब्धि भारत के राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभाव को उजागर करती है। वर्ष 2015 की तुलना में टीबी के मामलों की दर में 80 प्रतिशत की कमी और टीबी मृत्यु दर में 90 प्रतिशत की कमी आई है।