श्रम और रोजगार मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा है कि कौशल और मानकों को परस्पर मान्यता जैसी पहलों के जरिए भारत में वैश्विक श्रमशक्ति की कमी दूर करने की क्षमता है। आज नई दिल्ली में रोजगार के भविष्य पर सम्मेलन में श्री मांडविया ने इस बात पर बल दिया कि कौशल प्रदान करना प्रमाणपत्रों तक सीमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योग और स्वरोजगार क्षेत्रों की गतिशील मांग पूरी करने के लिए व्यवहारिक विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के साथ मजबूत संबंध भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल मॉडल विकसित किए जा सकते हैं।
Site Admin | जनवरी 16, 2025 5:32 अपराह्न
कौशल और मानकों को परस्पर मान्यता जैसी पहलों के जरिए भारत में वैश्विक श्रमशक्ति की कमी दूर करने की क्षमता है- श्रम और रोजगार मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया
