केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक खानपान के माध्यम से मोटापा रोकने के, भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण के, जागरूकता अभियान की शुरुआत की। यह अभियान आज बेंगलुरु में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस समारोह के साथ आरंभ हुआ। केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक स्वस्थ समाज से ही मजबूत राष्ट्र सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि भारत तभी विकसित बन सकता है, जब उसके नागरिक स्वस्थ रहें। इसके लिए लोगों को संतुलित आहार का सेवन करना होगा। सुरक्षित आहार चिंतन की शक्ति बढ़ाता है और यह उत्पादकता में सुधार करता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खाद्य तेलों के उपभोग में दस प्रतिशत की कमी का आह्वान किया है।
श्री नड्डा ने सलाह दी कि जो खाना हम खाते हैं, उसे कैलोरी से मापा जाना चाहिए। केवल जागरूकता ही हमें स्वस्थ रख सकती है। उन्होंने डिब्बा बंद खानपान के बढ़ते उपभोग पर चिंता व्यक्त की। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अध्ययन में पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में मोटापे की समस्या 39 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 23 प्रतिशत बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि यदि हमने अपने खानपान की आदतों में बदलाव नहीं किया तो वर्ष 2050 तक भारत की एक तिहाई आबादी मोटापे से ग्रसित हो जाएगी। इसके लिए एफएसएसएआई और शिक्षा विभाग बच्चों को मोटापे से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए एकसाथ आए हैं।
समारोह के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने ईट राइट नामक एक पुस्तक का लोकार्पण किया, जो स्कूलों तथा रेलवे स्टेशनों पर बांटी जाएगी। इस पुस्तक में मोटापा बढ़ाने वाले खानपान और उचित खाद्य पदार्थों का ब्यौरा है। उन्होंने बताया कि नमक और चीनी बोर्ड नमक और चीनी प्रयोग सीमित करने और वसा की मात्रा 27 से 30 ग्राम प्रतिदिन करने के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए काम करेगा।