केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमता – एआई वर्तमान में लोगों के जीवन शैली का अभिन्न अंग बन चुका है और लोगों के जीवन को सहज बना रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को एआई से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि एक टूल के रूप में इसका इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री ने आज यह बात नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित पढ़-एआई कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
श्री प्रधान ने एआई के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि इसका प्रयोग भारत के चहुमुखी विकास के लिए किया जा सकता है। साथ ही, एआई के माध्यम से विश्व की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में एआई की बुनियादी जानकारी भी दी जानी चाहिए।
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि एआई आज हर क्षेत्र को फायदा पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एआई पर आधारित कई पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।