उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि कौशल मनुष्य को सशक्त बनाता है और साथ ही आत्मविश्वास और स्वाभिमान भी देता है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का मार्ग ग्रामीण क्षेत्रों और कौशल केन्द्रों से होकर गुजरता है। श्री धनखड़ आज जयपुर में सोहन लाल स्मृति कौशल केन्द्र का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कौशल विकास और शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल डिग्री प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है, समाज में योगदान देने के लिए व्यावसायिक कौशल होना आवश्यक है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कौशल विकास को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। उन्होंने “लोकल फॉर वोकल” पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने से न केवल रोजगार सृजित होंगे, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार की भी रक्षा होगी। पर्यावरण संरक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, क्योंकि हमारे पास रहने के लिए दूसरी पृथ्वी नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कुछ ताकतें भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं और देश की संस्थाओं का अपमान करने की कोशिश कर रही हैं।