इस्राइल और ईरान के बीच टकराव छठे दिन में प्रवेश कर गया है। एक-दूसरे पर दोनों देशों के लगातार मिसाइल और हवाई हमले व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाओं को बढ़ा रहे हैं। तेहरान में विस्फोटों ने तब हड़कंप मचा दिया जब इस्राइल ने वहां के सेंट्रीफ्यूज और हथियार उत्पादन स्थलों पर हमले का दावा किया। ये हमले तब हुए जब ईरान ने इस्राइल पर और मिसाइलें दागीं, जिनमें हाइपरसोनिक फ़त्ताह प्रोजेक्टाइल भी शामिल है। ईरान ने दावा किया कि उसने इस्राइली हवाई सुरक्षा को तोड़ दिया है।
इजरायली रक्षा बलों ने कहा कि उसने तेहरान में सेंट्रीफ्यूज उत्पादन सुविधाओं और हथियार उत्पादन स्थलों पर हमले किए हें। उसने यह भी कहा है कि इन हमलों में 50 से अधिक वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इज़रायली सैन्य प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने कहा है कि उसके बलों ने पिछले पांच दिनों में ईरान के एक हजार एक सौ लक्ष्यों को निशाना बनाया है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी पुष्टि की कि ईरान में दो सेंट्रीफ्यूज उत्पादन सुविधाओं को निशाना बनाया गया था।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी है कि ईरान के खिलाफ़ किसी भी अमेरीकी हमले के गंभीर और अपूरणीय परिणाम होंगे। राष्ट्र के नाम टेलीविज़न संबोधन में उन्होंने कहा कि ईरान थोपे गए युद्ध के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा रहेगा। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आत्मसमर्पण के आह्वान पर उन्होंने कहा कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा।
श्री खामेनेई ने इस्राइल के खिलाफ चेतावनी जारी की है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, खामेनेई ने कहा कि लड़ाई शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि ईरान को इस्राइल पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे कोई दया नहीं दिखाएंगे।