विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि आर्कटिक क्षेत्र का अपने आप में एक वैश्विक महत्व है और भारत की आर्कटिक के साथ भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
नई दिल्ली में आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम 2025 में उन्होंने कहा कि आर्कटिक में होने वाली प्रत्येक घटना का भारत के लिए अत्यधिक महत्व है। विदेश मंत्री ने कहा कि इसके परिणाम केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया महसूस करती है।
यूरोप के बारे में श्री जयशंकर ने कहा कि यूरोप परिवर्तन के दबाव में है और इस पर बहुध्रुवीय प्रभाव है। उन्होंने कहा कि यदि भारत को साझेदारी विकसित करनी है तो हितों में पारस्परिकता होनी चाहिए तथा यह समझना चाहिए कि दुनिया कैसे काम करती है।