विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि आतंकवाद एक साझा खतरा है, जिसका समाधान केवल गहन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से ही संभव है। युगांडा के कंपाला में 19वीं गुटनिरपेक्ष आंदोलन की मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक में आज राज्य मंत्री ने अपने राष्ट्रीय वक्तव्य में ज़ोर देकर कहा कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है, और इसी वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र आतंकवाद को राज्य की नीति घोषित करते हैं और आतंकवादी केंद्रों को बिना किसी दंड के पनपने दिया जाता है, तो ऐसे कृतियों की स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि इस आंदोलन का लगभग हर सदस्य आतंकवाद द्वारा उत्पन्न चुनौती से अवगत है और इसका मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे अत्यंत खेदजनक बताया कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर बात की, तो एक सदस्य देश ने अपराधी – द रेजिस्टेंस फ्रंट – का बचाव करने का विकल्प चुना, यहाँ तक कि उनसे संबंधित किसी भी सार्वजनिक संदर्भ को हटाने की मांग भी की।
श्री सिंह ने कहा कि यह ज़रूरी है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता प्रदर्शित करे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के उत्तरदायी, उसके समर्थन या उस पर पर्दा डालने वालों को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।