सरकार ने आगामी जनगणना में जाति गणना को सम्मिलित करने का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की राजनीतिक कार्य समिति ने यह फैसला किया। नई दिल्ली में आज सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र का विषय है।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने जाति सर्वेक्षण अच्छी तरह से किया और कुछ राज्यों इसे पूरी तरह से राजनीतिक कारणों और अपारदर्शी तरीके से किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वेक्षणों से समाज में संदेह पैदा होता है। श्री वैष्णव ने कहा कि देश का सामाजिक ताना-बाना राजनीति से प्रभावित किए बिना सर्वेक्षणों की जगह जाति गणना पारदर्शी तरीके से जनगणना में शामिल की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे समाज का सामाजिक और आर्थिक ढांचा मजबूत होगा और राष्ट्र निरंतर प्रगति करेगा। उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि नरेंद्र मोदी सरकार समाज और देश के मूल्यों तथा हितों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अतीत में जाति गणना ने समाज के किसी भी वर्ग में तनाव पैदा किए बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत की थी।
श्री वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी सरकारों ने सदैव जाति जनगणना का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना के मामले पर मंत्रिमंडल में विचार करने और इस बारे में मंत्रियों का एक समूह बनाने का लोकसभा में आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की थी, इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जाति जनगणना की जगह केवल सर्वेक्षण कराने का फैसला किया।
श्री वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है।
श्री वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने शिलांग से सिलचर तक नए राजमार्ग के निर्माण को स्वीकृति दी। इस पर 22 हजार 864 करोड़ रुपये की लागत आएगी। श्री वैष्णव ने कहा कि यह परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग 166 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा। इससे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी का संपर्क बेहतर होगा।
मंत्रिमंडल ने चीनी मौसम 2025-26 के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य तय करने को भी स्वीकृति दी। श्री वैष्णव ने कहा कि इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत पांच लाख श्रमिकों को भी लाभ होगा।