लखनऊ की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण और आतंकवाद निरोधी दस्ते की एक विशेष अदालत ने आज अवैध धर्मांतरण मामले में 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। चार अन्य अभियुक्तों को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि मौलाना कलीम सिद्दीकी, उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम पूरे भारत में अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाते थे। इसमें यह भी कहा गया कि मौलाना सिद्दीकी धर्मांतरण के लिए विदेशों से धन प्राप्त करने में भी शामिल था।
आतंकवाद निरोधी दस्ते ने दावा किया था कि सिद्दीकी देश भर में सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट चलाता है और वह हवाला के माध्यम से इस काम के लिए एक ट्रस्ट में पैसे मंगाता था। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने यह भी दावा किया कि उसे बहरीन से अवैध रूप से डेढ करोड़ रुपये और अन्य खाड़ी देशों से तीन करोड़ रुपये का दान दिया गया था।