अरूणाचलप्रदेश के नामसाई में “पूर्वोत्तर भारत का बुद्ध धर्म और संस्कृति” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कल संपन्न हुआ। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ ने महाबोधि मैत्री मंडल के सहयोग से किया। इस कार्यक्रम में भारत के साथ-साथ कंबोडिया, म्यांमा, थाईलैंड, भूटान और श्रीलंका जैसे देशों के कई बौद्ध भिक्षुओं और विद्वानों ने भाग लिया।
सम्मेलन का उद्घाटन सोमवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना मेन ने किया। गुवाहाटी में भूटान के महावाणिज्यदूत जिग्मे थिनले नामग्याल, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक अभिजीत हलदर और महासचिव शार्त्से जंगचुप चोएडेन रिनपोछे सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए।
सम्मेलन के दौरान क्षेत्र की ऐतिहासिक प्रासंगिकता, कला और संस्कृति तथा पड़ोसी देशों पर बुद्ध धम्म के सांस्कृतिक प्रभाव और इसके विपरीत विषयों पर चर्चा की गई। मंगलवार को अंतिम दिन म्यांमार और थाईलैंड में हाल ही में आए भूकंप में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए नामसाई स्थित गोल्डन पैगोडा के विपश्यना हॉल में प्रार्थना की गई।
प्रसार भारती से बात करते हुए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक अभिजीत हलधर ने कहा कि नामसाई में पहली बार इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के विद्वानों को अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध बौद्ध विरासत को देखने और सराहने का अवसर प्रदान करना था।