निर्वाचन आयोग ने आज आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को कल सुबह तक युमना नदी को जहरीला करने के उनके आरोपों से संबंधित नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है। श्री केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में आयोग ने उनके द्वारा की गई टिप्पणियों पर जवाब देने को कहा है। आयोग ने कानूनी रूप से नियंत्रित अमोनिया के बढे स्तर और लंबे समय से चले आ रहे दीर्घकालिक मुद्दे के साथ श्री केजरीवाल के जवाब को मिश्रित नहीं करने का आदेश दिया है। चुनाव पैनल ने यह जानने की कोशिश की है कि हरियाणा सरकार ने नदी में किस तरह का जहर मिलाया था। आयोग ने नरसंहार का कारण बनने की संभावना रखने वाली जहर की मात्रा, प्रकृति और पता लगाने के तरीके से संबंधित साक्ष्य का समर्थन किया था। आरोप के अनुसार आयोग यह भी जानना चाहता है कि जहर किस स्थान पर पाया गया था। आयोग जानना चाहता है कि दिल्ली जल बोर्ड के किस इंजीनियर ने इसका पता लगाया और इसका पता लगाने में उन्होंने क्या तरीका अपनाया था। आयोग ने अपने नोटिस के जवाब पर गौर करते हुए कहा कि श्री केजरीवाल की प्रतिक्रिया भाजपा की नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार द्वारा यमुना नदी को जहर देने के उनके बयान पर पूरी तरह से चुप है।
यमुना के प्रदूषण स्तर पर चुनाव आयोग के नोटिस के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप आज और तेज हो गया है। श्री केजरीवाल ने आज कहा कि वह आयोग को सबूत के तौर पर सात पार्ट्स पर मिलियन (पीपीएम) वाले अमोनिया युक्त पानी की तीन बोतलें भेजेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में पैसे का खुलेआम वितरण हो रहा है और चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए। श्री केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का भी आरोप लगाया है। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने यमुना के प्रदूषित पानी की तीन बोतलों को लेकर भाजपा मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
दूसरी ओर भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे के द्वारा लोगों के बीच घबराहट का माहौल लाना चाहती है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस सम्मेलन में कहा कि श्री केजरीवाल अब तक किसी भी तरह का ठोस सबूत आयोग के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाये हैं।