Download
Mobile App

android apple
signal

October 11, 2024 6:05 PM

printer

Parikrama

THE HEADLINES::

 

  • Prime Minister Narendra Modi says, peace, security and stability of South China Sea is in the interest of entire Indo-Pacific region; Also holds bilateral talks with his counterparts of Thailand and Lao PDR.

  • महादेव सट्टेबाजी ऐप का संचालक सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार।

  • Bihar government transfers more than 225 crore rupees directly to bank accounts of over three lakh families as a flood grant relief.

  • पाकिस्‍तान के बलूचिस्‍तान प्रान्‍त में एक कोयला खदान पर हुए हमले में बीस श्रमिक मारे गये और आठ घायल हो गये।

  • And in Valencia Open Tennis, India’s Jeevan Neduchazhiyan and Vijay Sundar Prashanth to lock horns with Piotr Matuszewski and Karol Drzewiecki of Poland in men’s doubles semi-final in Spain this evening.

<><><> 

Now time for our segment DATELINE INDIA in which we take a look at the developments taking place at national or global level. Today we will talk about International Day of the Girl Child.

 

“A woman is like a tea bag – you can’t tell how strong she is until you put her in hot water.” ― Eleanor Roosevelt

 

“नारीवाद महिलाओं को मजबूत बनाने के बारे में नहीं है। महिलाएं पहले से ही मजबूत हैं, यह उस ताकत को समझने के दुनिया के नजरिए को बदलने के बारे में है।” – जी.डी. एंडरसन

 

In 1995 at the World Conference on Women in Beijing countries unanimously adopted the Beijing Declaration and Platform for Action – the most progressive blueprint ever for advancing therights of not only women but girls. The Beijing Declaration is the first to specifically call out girls’ rights. On December 19, 2011, United Nations General Assembly adopted a Resolution to declare October 11 as the International Day of the Girl Child, to recognize girls’ rights and the unique challenges girlsface around the world.

 

हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, दुनिया भर में बालिकाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए समाज में सुरक्षित माहौल बनाने की ज़रूरत को पुरजोर तरीके से याद दिलाता है। यह दिन बालिकाओं के लिए लैंगिक समानता, शिक्षा और अवसरों के महत्व पर प्रकाश डालता है।  इस साल काथीम है “भविष्य के लिए लड़कियों का दृष्टिकोण” …यानि…”गिर्ल्ज़ vision (विज़न) फौर द फ्यूचर” है। यूनिसेफ के शोध सेपता चलता है कि कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद बालिकाएं बेहतर भविष्य केलिए आशान्वित और दृढ़ संकल्पित हैं। दुनिया भर में हर दिन, बालिकाएं एक ऐसे विजन की दिशा में काम कर रही हैं जिसमें वे सुरक्षित, सम्मानित और सशक्त हों। लेकिन वे इसे अकेले हासिल नहीं कर सकतीं।

 

This year’s theme conveys both the need for urgent action and persistent hope, driven by the power of girls’ voices and vision for the future. The theme “Girls’ Vision for the Future,” emphasizes the  need to include girls in decision-making processes, leadership roles, and movements for social change. By empowering girls to speak up, lead initiatives, and become change-makers, societies can harness the vast potential that can drive the population to sustainable development.  Adolescent girls have the right to a safe, educated, and healthy life, not only during these critical formative years, but also as they mature into women. If effectively supported during the adolescent years, girls have the potential to change the world – both as the empowered girls of today and as tomorrow’s workers, mothers, entrepreneurs, mentors, household heads, and political leaders.

 

इस संदर्भ में हमारी सरकार अनेक प्रयास कर रही है। भारत सरकार ने समाज में बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, उन्हें सशक्त बनाने केउद्देश्य से कई योजनाएं शुरू की हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी पहल लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और शिक्षा एवं विवाह के लिए बचत को प्रोत्साहित करके बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने केप्रयासों को दर्शाती हैं। वर्ष 2015 में शुरू की गई ‘सुकन्यासमृद्धि योजना’ माता-पिता को अपनी बेटियों के भविष्य में निवेश करने की सुविधादेती है, जिससे वित्तीय सुरक्षा और समान अवसर सुनिश्चित होतेहैं। इसके अलावा,किशोरियों के लिए योजना (एसएजी) और मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता कोबढ़ावा देने की योजना महिलाओं की स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करतीहै। वर्ष 2014 में शुरू की गई एक बहुत अनूठी परियोजना‘उड़ान’ है।  योजना का उद्देश्य प्रतिष्ठितइंजीनियरिंग संस्थानों में छात्राओं के कम नामांकन पर ध्यान देना और स्कूली शिक्षाएवं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के बीच की खाई को कम करना है। मई 2008 में शुरू की गई माध्यमिक शिक्षा के लिए बालिकाओं को प्रोत्साहन देने की राष्ट्रीय योजना (एनएसआईजीएसई) का उद्देश्य बालिकाओं, विशेषरूप से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों से आने वाली बालिकाओं के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ाना है। ‘उड़ान’ और माध्यमिक शिक्षा के लिए बालिकाओं को प्रोत्साहन देने की राष्ट्रीय योजना जैसी शैक्षिक पहल शिक्षा तक पहुंच में सुधार और ड्रॉप आउट दर को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

 

When girls lead, the impact is immediate and wide reaching: families, communities and economies are all stronger, our future brighter. It is time to listen to girls, to invest in proven solutions that will accelerate progress towards a future in which every girl can fulfill her potential.

 

बालिकाओं के सशक्तिकरणऔर उनकी सुरक्षा के लिए कानूनी उपायों में कई महत्वपूर्ण पहल शामिल हैं। बाल विवाहप्रतिषेध अधिनियम, 2006 का उद्देश्य बाल विवाह जैसी कुप्रथाको समाप्त करना है और इसमें शामिल लोगों को दंडित करना है। यौन अपराधों से बच्चोंका संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012, बाल शोषण से संबंधित है। इसके कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए 2020 में इसके नियमोंको अद्यतन किया गया है। किशोर न्याय अधिनियम 2015, ज़रूरतमंदबच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। मिशनवात्सल्य बाल विकास और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमेंचाइल्ड हेल्पलाइन और लापता बच्चों की सहायता के लिए ट्रैक चाइल्ड पोर्टल जैसीसेवाएं शामिल हैं। ट्रैक चाइल्डपोर्टल 2012 से कार्यरत है। यह पोर्टल पुलिस स्टेशनों मेंरिपोर्ट किए जा रहे ‘लापता’ बच्चों कामिलान उन ‘मिले हुए’ बच्चों से करने कीसुविधा प्रदान करता है जो बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे हैं। पीएमकेयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों कीमदद करती है। इसके अतिरिक्त, निमहांस और ई-संपर्क कार्यक्रमके साथ सहयोग मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है। इन सब प्रयासोंसे एक सुरक्षित वातावरण बनता है, जो भारत में बालिकाओं केअधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देता है।

 

Coincidentally today we are also celebrating Durga Ashtami. This is also known as Maha Ashtami which is one of the most revered and significant days during the grand Durga Puja celebrations. This auspicious day holds immense importance for devotees of Goddess Durga, as it is dedicated to worshipping all nine forms of the Goddess, symbolizing divine feminine power and strength. President Droupadi Murmu has also extended greetings to all citizens on the occasion of Durga Puja. In her message on social media, the President said that Durga Puja is celebrated as victory of good over evil and Maa Durga is considered as a symbol of shakti. She said that this festival is an occasion to fully devote to Goddess Durga and promote unity and understanding among all religions. The President also wished that Maa Durga gives strength, courage and determination to create a just, sensitiveand equitable society.

 

दुर्गा अष्टमी पर मनाई जाने वाली एक उल्लेखनीय परंपरा कुमारी पूजा है, जहां युवा अविवाहित लड़कियों को स्वयं देवी दुर्गा के अवतार के रूप में सम्मानित और पूजा जाता है। कुमारी पूजा कई क्षेत्रों में नवरात्रि के सभी नौ दिनों के दौरान की जाती है, लेकिन यह महा अष्टमी पर विशेष रूप से प्रमुख है। सुंदर पोशाक में सजी-धजी युवा लड़कियों को उनकी मासूमियत और पवित्रता को पहचानने के लिए विशेष प्रार्थना, भोजन और उपहार दिए जाते हैं, जिन्हें देवी का प्रतिनिधि माना जाता है।

 

In Tamil Nadu, Ayudha Puja is celebrated today, where people worship tools and equipment in their homes and offices. The rituals include cleaning,decorating and pooja. They also worship their books and vehicles today and put Tilak on their equipment and also place garlands on them. This day falls on the ninth day of Navratri. In companies, the owners distribute sweets, puffed riceand some fruits along with some household gift items to encourage the workers.In some places in the State, Durga Pooja is also celebrated with traditional fervour and gaiety.

 

बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए तत्काल उचित कदम उठाना बेहद ज़रूरी है । बालिकाओं के भविष्यमें निवेश करना हमारे वैश्विक समाज के सामूहिक भविष्य में प्रत्यक्ष निवेश है। इसअंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, आइए हम प्रत्येक बालिका के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें उनकीक्षमताओं का एहसास करवाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। इस दिशा में उचितकदम उठाने का समय अभी है, क्योंकि जब बालिकाएं आगे बढ़ती हैं,तो समाज आगे बढ़ता है!

 

May Goddess Durga bless everyone with strength, courage, and wisdom to overcome life’s challenges and emerge victorious, just as she did during her battle against evil forces.

<><><> 

 

अब समय है अपने क्षेत्रीय संवाददाताओं से जानने का, कि उनके पास क्या विशेष है –

 

Chhatrapati Sambhajinagar

 

हिंदू संस्कृति में देवताओं की उपासना का अधिकांश भाग उन्हें नहलाकर अभिषेक कराना, वस्त्र और फुलों की मालाएं अपर्ण करना, भोग लगाना.. आदी होता है. मनुष्य स्वयं जो जो करता है, वो ही वो भगवान के लिये भी करता है. महाराष्ट्र में तुलजापूर की तुलजा भवानी देवी तो पूरे वर्ष में २१ दिन खास बने पलंग पर निद्रा भी लेती है.

 

धाराशिव जिले के तुलजापूर में स्थापित तुलजा भवानी आदिशक्ती का जागृत रूप मानी जाती है. स्वयं छत्रपती शिवाजी महाराज की यह कुलदेवी महाराष्ट्र के कई घरानों की कुलदेवी है. इस देवी की विशेषता यह है की मंदिर में स्थापित देवी की यह मूर्ती चल मूर्ती है. अर्थात यह मूर्ती अपने स्थान से उठाकर दुसरी ओर रखी जा सकती है. वैसे तो देवी सदा के लिये अपने सिंहासन पर आरूढ रहती है. लेकिन साल में तीन बार देवी अपना सिंहासन छोड, खास बने पलंग पर लेट कर विश्राम करती है. देवी का यह निद्राकाल कुल मिलाकर २१ दिनों का होता है. शारदीय नवरात्रि तथा शाकंभरी नवरात्रि के पूर्व देवी दोनों बार आठ आठ दिन और दशहरे से शरद पूर्णिमा तक पांच दिन विश्राम करती है. देवी के विश्राम के लिये खास चांदी का पलंग बना है, लेकिन दशहरे के बाद के विश्राम के लिये देवी के मायके से अहिल्या नगर से चंदन का पलंग बन कर आता है. अहिल्या नगर के एक परिवार को पुश्तैनी तौर पर यह जिम्मेदारी दी गई है, यह परिवार अब पलंगे परिवार के नाम से जाना जाता है.

 

तुलजा भवानी देवी की एक ओर विशेषता यह है कि, नवरात्रि में देवी को अलग अलग रुपों में दिखाया जाता है. कभी सूर्य के रथ पर सवार, कभी मुरली बजाते हुये, तो कभी देवी की मूर्ती को शेष नाग पर विश्राम करते हुये दिखाया जाता है. माना जाता है कि, छत्रपती शिवाजी महाराज को स्वराज की रक्षा हेतु तुलजा भवानी माता ने स्वयं प्रकट हो कर तलवार दी थी. नवरात्रि में कल देवी का यही रूप देखने को मिला, आज तुलजा भवानी देवी महिषासूर मर्दिनी रूप में भक्तों को दर्शन दे रही है.परिक्रमा के लिये छत्रपति संभाजी नगर से मैं हर्षवर्धन दीक्षित.

<><><> 

 

Aizawl

 

Cleanliness and waste management are accorded top priority in Mizoram. In Aizawl city, a group of youngsters under the banner of “Aizawl Garbo” came together to render service for better waste management within the city.

 

Launched in February 2024, Aizawl Garbo is a pioneering door-to-door garbage collecting agency dedicated to transforming waste management in Aizawl city. With a passionate team of 8 motivated youth and students, Aizawl Garbo not only provides essential waste collection services but also creates meaningful employment opportunities contributing to sound income generation within the community. Speaking to Akashvani, C Lalmuankima, Founder of Aizawl Garbo said that their service is covering almost all parts of Aizawl city. He said that Aizawl Garbo believes in greener and cleaner Aizawl. He added that with hilly and sloping landscapes, Aizawl presents unique challenges when it comes to garbage disposal.

 

Whereas the Aizawl Municipal Corporation is taking active steps for “Clean and Green Aizawl”, the upcoming of dedicated youngsters for waste management is a beacon of hope and sustainability for the people of Aizawl. IRENE, Akashvani, Aizawl

<><><> 

 

Bhuj

गुजरात में शारदीय नवरात्री का अंतिम दिवस आज महानवमी के रूप में मनाया जा रहा है. आज माँ दुर्गा नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री माँ की पूजा की जा रही है. आठ प्रकार की सिद्धिया धारण करने वाली सिद्ध दात्री माँ का वाहन सिंह है। राज्यभर में आज नवरात्रि का समापन होगा और कल दशहरा पर्व मनाया जायेगा.  महानवमी के चलते राज्य के माँ के आशीर्वाद लेने सभी प्रमुख माताजी मंदिरो में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है.

 

महानवमी के साथ ही राज्य में  धुमधामसे मनाये जा रहे नवरात्री पर्व का आज समापन होगा कल के दिन माताजी के गरबा, जवारा, कलश इत्यादि को  नदी या झील में विसर्जित किया जायेगा | नवरात्री के नव दिन इन में दिया जला कर माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है |आज महानवमी के दिन राज्य के बनासकाठा में आये सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ अम्बाजी मंदिर, बहुचराजी मंदिर, पावागढ़ महाकाली मंदिर समेत सभी प्रमुख मंदिरो में माताजी का दर्शन करने लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं उमड़ पड़े है. आज सभी मंदिरो में हवन, महायज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठान के कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे है. आज महानवमी के अवसर पर गांधीनगर के रूपाल में आधी रात को वरदायिनी माता की पल्ली निकाली जाएगी। मां की इस पल्ली पर घी चढ़ाने की दशकों पुरानी परंपरा है। इस बार पल्ली में घी चढाने पांच से सात लाख श्रद्धालुओं आने की संभावना है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था की है| नवरात्री के अंतिम दिन आज  गरबा महोत्सवो में गरबे की धूम मचेगी. खेल्लैय्या आज देर रात गरबे का आनंद उठाएंगे और भक्ति और उल्लास के रंग में सभी शहर रंगीन हो जायेंगे| परिक्रमा के लिए अहमदाबाद से में अपर्णा खूंट .

<><><> 

 

खेल –

 

In Tennis, India’s Jeevan Neduchazhiyan and Vijay Sundar Prashanth will lock horns with the unseeded pair of Piotr Matuszewski and Karol Drzewiecki of Poland in the men’s doubles semi-final of the Valencia Open Tennis, in Spain this evening.

Earlier, the fourth seeded Indian duo defeated the pair of Mircea-Alexandru Jecan of Romania and Ivan Liutarevich of Belarus in straight sets, 6-0, 6-2 in the quarter finals.

 

<><><> 

आईसीसी महिला टी20 विश्व कप क्रिकेट के गुप ए के मैच में आज दुबई में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला पाकिस्तान से होगा। यह मैच भारतीय समयानुसार शाम साढ़े सात बजे से खेला जाएगा।  शारजाह में ग्रुप ‘बी’ के एक मैच में कल वेस्टइंडीज ने बांग्लादेश को आठ विकेट से हरा दिया। इस जीत ने वेस्टइंडीज को सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के एक कदम और करीब ला दिया है।

 

इस बीच, भारतीय महिला टीम के पास अपने ग्रुप में खेलने के लिए सिर्फ एक मैच बचा है। भारतीय टीम 13 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगी। अंतिम चार टीमों में अपना स्थान पक्का करने के लिए भारत को यह मैच जीतना होगा। यदि भारत यह मैच हार जाता है तो सेमीफाइनल में पहुंचने में उसे काफी मुश्किलें आ सकती हैं।

<><><> 

In Business News today –

 

Domestic benchmark indices today ended lower in a range-bound trading session. The Sensex declined 230 points, or 0.2 percent, to close at 81,381 and the Nifty ended with marginal loss of 34 points, or 0.1 percent, to settle at 24,964.

 

In the Global Crude Market, Brent Crude was trading 0.77 percent down at 78 dollar 79 cents per barrel, and WTI Crude lost 0.75 percent to trade at 75 dollars and 28 cents per barrel, when the reports last came in.

 

In the Indian bullion market, the 24 Karat Gold was trading at 75,890 rupees for 10 grams, Silver 999 fine, is trading at 90,890 per one kilogram, when reports last came in.

<><><> 

 

अब वक़्त है करीब से देखने का उन ख़ास लोगों को जिन्होंने आज जन्म लिया या दुनिया से विदा हुए।

 

BIRTH

Mukul S. Anand (11 October 1951 – 7 September 1997) was an Indian film director and producer. Mukul S. Anand made his debut as a director with the suspense thriller Kanoon Kya Karega (1984), which was inspired by the Hollywood film Cape Fear. His second film Aitbaar (1985) was inspired by Alfred Hitchcock’s classic Dial M for            

<><><> 

 

Amitabh Bachchan ( born Amitabh Srivastava;11 October 1942) India’s “Angry Young Man” for several of his on-screen roles in Hindi films.

 

He has won numerous accolades in his career, including record four National Film Awards in Best Actor category and many awards at international film festivals and award ceremonies. He has won sixteen Filmfare Awards and is the most nominated performer in any major acting category at Filmfare with 34 nominations in Best Actor and 42 nominations overall. The Government of India honoured him with the Padma Shri in 1984, the Padma Bhushan in 2001, the Padma Vibhushan in 2015, and India’s highest award in the field of cinema, the Dadasaheb Phalke Award in 2018.

 

<><><> 

11 अक्टूबर—उन्नीस-सो-छियालीस को जन्मे वैज्ञानिक विजय भटकर…ने भारत का पहला सुपरकंप्यूटर बनाया! साल दो-हज़ार-पंद्रह में, भटकर को पद्म-भूषण दिया गया। देश के इस महान नंबर-क्रंचर ने सीधे चौथी कक्षा से स्कूल शुरू किया और फिर भी हमेशा टॉप किया। भारत में “सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग,” यानि “सी-डैक” की शुरुआत पुणे में साल उन्नीस-सो- अठ्ठासी में हुई, जब अमेरिका और अन्य देशों ने सुपरकंप्यूटर की तकनीक को भारत जैसे विकासशील देश में भेजने से मना कर दिया। भटकर ने अपने वैज्ञानिकों की टीम के साथ मिलके… सुपरकंप्यूटर बनाने का ये पेचीदा काम…सिर्फ तीन साल में कर दिखाया। सी-डैक ने उन्नीस-सो-इक्यानवे में भारत के पहले स्वदेशी सुपरकंप्यूटर को शुरू किया, जिसका नाम था…“परम- eight-thousand”! दुनिया चौंक गई, लोग मानने को तैयार ही नहीं थे कि “परम-eight-thousand” वास्तव में एक सुपरकंप्यूटर है। भटकर ने “परम” को एक अंतरराष्ट्रीय सुपरकंप्यूटर प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया. वहाँ, इसे औपचारिक रूप से सुपरकंप्यूटर घोषित किया गया। अमेरिकी अखबारों की सुर्खी बनी, “सुपरकंप्यूटर न मिलने पर, गुस्साए भारत ने यह कर दिया!”

 

<><><> 

मरणोपरांत भारत-रत्न से सम्मानित, पद्म विभूषण, समाज-सेवी चंडिकादास- देशमुख का जन्‍म 11 अक्टूबर–उन्नीस-सो-सोलह को हुआ था। नानाजी ने चित्रकूट में भारत के पहले ग्रामीण-विश्वविद्यालय की स्थापना की। वे इस “ग्रामोदय विश्वविद्यालय” के पहले कुलाधि-पति थे। उन्नीस-सो-निन्यानवे में  एनडीए सरकार ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। आत्म-निर्भरता के अभियान में, पांच-वर्ष में, कम से कम पांच-सो-गांवों को…आत्म-निर्भर बनाने के संकल्प के साथ नानाजी ने गांव-गांव में शिल्पियों की एक बड़ी जमीनी टीम तैयार की। उन्होंने वसीहत करके अपनी मृत्यु के बाद, अपना शरीर…चिकित्सा के शोध कार्य के लिए…दान कर दिया।

 

उनका चित्रकूट से गहरा नाता था। साठ-वर्ष की उम्र में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद नानाजी पहली बार उन्नीस-सो-नवासी में चित्रकूट आए और फिर यहीं के होकर रह गए। कृषि, कुटीर उद्योग, ग्रामीण शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर उनका विशेष ध्यान रहा। पिच्यानवे-साल की उम्र में नानाजी- देशमुख ने 27 फरवरी– दो-हज़ार-ग्यारह को चित्रकूट-स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली।

 

<><><> 

एक ऐसे कलाकार हैं जो काफी लम्बे कद के हैं। पर उनका असली कद इस बात से आँका जा सकता है कि अब उनकी हस्ती सभी सम्मानों से ऊंची हो चुकी है, उनकी उपलब्धियाँ अब गिनती से पार जा चुकी है, उनकी उम्र तो बढ़ रही है, पर उनका जोश और भी बढ़ता जा रहा है। उनका नाम तो A से शुरू होता है पर वो हमेशा हमारे “बिग बी” रहेंगे। आज भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिन है। अमिताभ बच्चन ने कामयाबी का शिखर देखा, पर उन्हें बार-बार संघर्ष करना पड़ा, लेकिन कभी हार नहीं मानी। बिग-बी ने हमेशा नए प्रयोग किये। उन्होंने कुछ नायाब गीत गाये, जिनमे से एक है विशाल-शेखर के संगीत में, रबीन्द्रनाथ टैगोर का लिखा…एकला चोलो रे जो उनके जीने के अंदाज़ पर खरा उतरता है। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, पद्मश्री, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, कई फिल्मफेयर अवार्ड, आदि कई पुरस्कार मिले।

 

<><><> 

DEATH

खंडेराव रंगनेकर, जिनका देहांत 11अक्टूबर—उन्नीस-सो-चौरासी को मुंबई…यानी उस दौर के बॉम्बे में हुआ… भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और देश के सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक थे। वो कवर- पॉइंट के कमाल के क्षेत्ररक्षक थे। “बाजीराव” कहलाने-वाले रंगनेकर अंग्रेजी और मराठी दोनों में कमाल के वक्ता थे। वो बाद में…एक चयनकर्ता, BCCI के उपाध्यक्ष, बॉम्बे-क्रिकेट-एसोसिएशन के अध्यक्ष और ठाणे के मेयर बने।

 

उन्होंने रणजी-ट्रॉफी में करीब-करीब पचास की औसत से…दो-हज़ार—पांच- सो—अड़तालीस—रन बनाए। वो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते थे, लेकिन दाएं हाथ से गेंदबाजी करते थे और यहां तक कि दाएं हाथ से बैडमिंटन भी खेलते थे। वो राष्ट्रीय-युगल-बैडमिंटन चैंपियन भी बने। प्रथम-श्रेणी में उन्होंने शतक के साथ पदार्पण किया। उन्होंने दो…यादगार दोहरे-शतक…भी लगाये। बॉम्बे के लिए उन्होंने दो-सो-दो–रन बनाये और होल्कर के लिए दो-सो-सत्रह–रन जड़ दिए। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे में वो तीन टेस्ट मैच खेले पर कोई कमाल नहीं कर सके।

<><><> 

 

कभी दादी…तो कभी नानी के किरदार में…सैंकड़ों फिल्मों में… अपने अभिनय से हम सबका दिल जीतने वाली अभिनेत्री दीना पाठक की आज पुण्यतिथि है. जब दीना ने एक्टिंग के मंच पर कदम रखा, तब महिलाओं के लिए इसे अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और गुजराती रंगमंच की कलाकार बन गईं। वो गुजराती थिएटर डायरेक्टर भी थी। उन्होंने थिएटर के ज़रिए…लोगों को अंग्रेज़ों के खिलाफ जागरूक किया। उन्नीस-सो-सत्तावन में पहली बार दीना पाठक ने…तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के सामने…राष्ट्रपति भवन में अभिनय किया, जिसके बाद वो पहली गुजराती बनी, जिन्होंने यह सम्मान हासिल किया। उन्होंने गुजराती फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत फिल्म कारियावार से की थी। इसके बाद भी… वो थिएटर करती रही। चालिस-के-दशक में लोग दीना को रंगमंच पर देखने के लिए लंबी कतारों में थिएटर पहुंचते थे। उन्होंने सत्यकाम, सात हिंदुस्तानी, द गुरु, जैसी फिल्मों में काम किया। उन्होंने बॉलीवुड में मौसम, चितचोर, घरोंदा, भूमिका, जैसी फिल्में की थी।

<><><> 

भौतिक वैज्ञानिक जेम्स प्रेसकॉट जूल का निधन 11अक्टूबर–अठारह-सो-नवासी को हुआ था। जूल के प्रयोगों ने विज्ञान के… एक नए क्षेत्र–थर्मो-डायनामिक्स को जन्म दिया। ऊर्जा की अंतर्राष्ट्रीय इकाई—“जूल”—का नाम उनके सम्मान में रखा गया है। जूल ने दिखाया कि ऊष्मा…ऊर्जा का एक रूप है, और उसे ऊर्जा के दूसरे रूप में बदला जा सकता है। ऊर्जा के संरक्षण के नियम की खोज का श्रेय उन्हें जाता है, जिसके अनुसार “एक रूप में उपयोग की गई ऊर्जा, दूसरे रूप में दोबारा प्रकट होगी और कभी नष्ट नहीं होगी”। जूल का जन्म अठारह-सो-अठारह में इंग्लैंड के सैलफोर्ड में हुआ था। उन्हें घर पर ही पढ़ाया जाता था और उनसे उम्मीद की जाती थी कि वे परिवार के शराब बनाने के व्यवसाय में शामिल होंगे। सोलह साल की उम्र में उन्हें आधुनिक रसायन विज्ञान के जनक जॉन-डैल्टन से रसायन विज्ञान सीखने भेजा गया। शराब बनाते हुए भी, उन्होंने जीवन-भर वैज्ञानिक प्रयोग किये।

<><><>