मुख्य समाचार:
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना। श्री राकेश शर्मा के बाद चार दशकों में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने शुभांशु। एक्सिओम-4 कल शाम साढे चार बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा।
- कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष से दिए संदेश में इस मिशन को भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत बताया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के लिए अंतरिक्ष में नई उपलब्धि हासिल करने के लिए कैप्टन शुक्ला को बधाई दी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-शुभांशु शुक्ला, 140 करोड भारतीयों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को लेकर आगे बढ रहे हैं।
- लोकतंत्र को बचाने के लिए बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज देशभर में संविधान हत्या दिवस मनाया जा रहा है।
- और, अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमरीकी हवाई हमलों में ईरान की परमाणु सुविधा नष्ट नहीं होने वाली रिपोर्ट के दावे को खारिज किया।
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भारत के शुभांशु शुक्ला ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना एक्सिओम-4 मिशन के लिये कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र से दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर उडान भरी।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष से एक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत यात्रा है। उन्होंने कहा कि भारत 41 साल बाद एक बार फिर अंतरिक्ष में है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने यह भी कहा कि यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।
नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो, वॉट अ राइड। 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी। इस समय हम साढे सात किलोमीटर प्रति सैकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं, और मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है जो मुझे बता रहा है कि मैं आप सबके साथ हूं। ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की ये जर्नी की शुरूआत नहीं है, ये भारत के ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरूआत है, और मैं चाहता हूं कि आप सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए। आप भी उतना एक्साइटमेंट दिखाईये, आईये हम सब मिलकर भारत के ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की जर्नी की शुरूआत करें। जय हिंद, जय भारत।
तीन अप्रैल 1984 को राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं।
इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि एक्सिओम 4 कल भारतीय समयानुसार शाम साढे चार बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चालक दल लगभग दो सप्ताह बिताएँगे, जहाँ वे माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि पूरा देश उनकी इस उपलब्धि से उत्साहित और गौरवान्वित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत, हंगरी, पोलैंड और अमरीका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट में श्री मोदी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला अपने साथ 140 करोड भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर आए हैं। श्री मोदी ने उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं दीं।
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केन्द्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को बधाई दी है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में डॉ. सिंह ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अन्तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए मिशन पर रवाना होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि चालक दल के भारतीय सदस्य शुभांशु शुक्ला इस पूरे मिशन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे।
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वहीं, बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू प्लेनेटेरियम ने स्कूली छात्रों और शिक्षकों के लिए एक्सिओम 4 लॉन्च की लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया। ऑडिटोरियम में बच्चों ने बड़ी स्क्रीन पर इस मिशन को लॉन्च होते हुए देखा। प्लेनेटेरियम के निदेशक और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ बी आर गुरुप्रसाद ने कार्यक्रम के महत्व पर आकाशवाणी समाचार से विशेष बातचीत की।
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शुभांशु शुक्ला की पत्नी कामना ने कहा कि उनका इस मिशन में शामिल होना पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
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वहीं, शुभांशु शुक्ला की बहन निधि और शुचि ने उनके एक्सिओम मिशन पर खुशी जाहिर की।
अगर आज वे इस मुकाम पर है तो डेफिनेटली उसके कई सालों की कड़ी मेहनत ही होगी, तभी वह आज इस मुकाम पर है। पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि आज हमारा कोई एक भारतीय आईएसएस सेंटर पर पहली बार जा रहा है। मैं कामना करती हूं कि इस मिशन के बाद देश के और जितने युवा है इससे बहुत प्रेरित हों और आगे जाए। भारत उनके इस मिशन के लिए वेट कर रहा था, बहुत बार डिलेड हुआ है। बट नाउ द डे हैज़ अराइव्ड एंड वी आर हाईली हैप्पी एंड एक्साइटिड एंड होपिंग द बेस्ट फॉर हिम। वे खुश थे अपने मिशन को लेकर, बहुत खुश और बहुत पॉजिटिव थे, बहुत–बहुत बड़ी बात है कि पूरे देश की ब्लैसिंग्स और वैलविशिंग मिल रहे हैं हमें एंड आई एम प्रिटी श्योर ये काम आयेगा उनके और वो आगे बहुत अच्छा इम्पलीमेंट करेंगे।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि इस ऐतिहासिक अवसर का जश्न मनाने के लिए शुभांशु के माता-पिता ने लखनऊ में शुभांशु के स्कूल में छात्रों और शिक्षकों के साथ लाइव लॉन्च देखा।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए लखनऊ के शुभांशु शुक्ला ने न सिर्फ देश का नाम रोशन किया है बल्कि अपने परिवार, शिक्षकों और स्कूली बच्चों के सपनों को भी पंख दिए हैं। शुभांशु शुक्ला के परिवार में गर्व और खुशी का माहौल है, उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा हम बेहद खुश हैं और बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। बहुत बड़ा क्षण है, इतने दिन से इंतजार हो रहा था, आज वो पल आ गया आखिर में, बहुत बहुत शुभकामना दीं है। एक्सीओम – 4 का यह क्षण सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है बल्कि भावनात्मक यात्रा भी है। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। बहुत गौरव की बात है हमारे लिए तो बहुत ही, देश–विदेश के लिए सभी के लिए बात है और उसका एचीवमेंट है और जो सोचा नहीं था कि बेटा इतनी ऊंचाई पर रहेगा इतना ऊंचा जायेगा। राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बनने के बाद करीब 41 वर्ष बाद ये प्रक्षेपण भारत की अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है। ओम अवस्थी, आकाशवाणी समाचार, लखनऊ।
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आज संविधान हत्या दिवस है। यह दिन हमें उन घटनाओं की याद दिलाता है, जब 25 जून, 1975 को संविधान का गला घोंटकर देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। यह आपातकाल से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का दिन है। एक रिपोर्ट-
आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और अन्य विपक्षी नेताओं को आंतरिक सुरक्षा अधिनियम मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था। शाह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इस अधिनियम का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था और लगभग 35000 लोगों को बिना किसी सुनवाई के हिरासत में लिया गया था। भारतीय जेलों में 183000 की क्षमता के मुकाबले 2 लाख 20 हजार से अधिक कैदी थे। इनमें से 126000 से अधिक विचाराधीन कैदी थे। आकाशवाणी के मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आपातकाल के दौरान अत्याचारों का सामना करने के बावजूद लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बरकरार रहा। जब इमरजेंसी लगाई गई उसमें देश के नागरिकों से सारे अधिकार छीन लिए। उसमें से एक अधिकार संविधान के आर्टिकल 21 के तहत सभी भारतीयों को मिला राइट टू लाइफ एंड पर्सनल लिबर्टी भी था। आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे प्रख्यात पत्रकार राम बहादुर राय ने आकाशवाणी से बात की और उस दौरान में अत्याचारों के बारे में बताया। उस रात को जो सबसे पहले हमला हुआ वह दो जगह हुआ। भारत सरकार ने इंदिरा गांधी के सरकार ने किया। एक मीडिया पर हमला किया, दूसरा जेपी और चंद्रशेखर जैसे नेताओं की गिरफ्तारी से किया। लगभग 21 महीने तक चले आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था और मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। अनुपम मिश्र, आकाशवाणी समाचार, दिल्ली।
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इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री मोदी ने कहा कि इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों, मौलिक अधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की सत्ता की भूख से प्रेरित अन्याय का युग था। श्री शाह ने इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वालों को भी श्रद्धांजलि दी।
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गृहमंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली में ‘द इमरजेंसी डायरीज‘ नामक पुस्तक का विमोचन करेंगे। यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है, जब वे उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-आरएसएस के युवा प्रचारक थे और आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पुस्तक श्री मोदी के साथ काम करने वाले सहयोगियों के अनुभवों और अन्य अभिलेखीय सामग्रियों पर आधारित है।
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अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया है कि ईरान की परमाणु सुविधा नष्ट नहीं हुई है। सोशल मीडिया पोस्ट में अमरीका के राष्ट्रपति ने दो मीडिया संस्थाओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को नीचा दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
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ऑपरेशन सिंधु के अंतर्गत अब तक 818 भारतीय नागरिक इजराइल से स्वदेश लौट आये हैं। केंद्रीय श्रम, रोजगार और एम.एस.एम.ई. राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने आज सुबह भारतीय वायुसेना के विमान से इजराइल से भारत लौटे 224 भारतीय नागरिकों की अगवानी की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
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ओडिशा में विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए सभी सुरक्षा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुक्रवार को पुरी में शुरू होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए ओडिशा पुलिस ने यातायात प्रबंधन, श्री जगन्नाथ मंदिर के अंदर और बाहर सुरक्षा और रथों के चारों ओर घेरा, भीड़ नियंत्रण और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की है।
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मौसम विभाग ने तटीय कर्नाटक, हरियाणा, चण्डीगढ, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखण्ड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज मूसलाधार बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।
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अंत में मुख्य समाचार एक बार फिर :-
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना। श्री राकेश शर्मा के बाद चार दशकों में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने शुभांशु शुक्ला। एक्सिओम-4 कल शाम साढे चार बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा।
- कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष से दिए संदेश में इस मिशन को भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत बताया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के लिए अंतरिक्ष में नई उपलब्धि हासिल करने के लिए कैप्टन शुक्ला को बधाई दी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-शुभांशु शुक्ला 140 करोड भारतीयों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को लेकर आगे बढ रहे हैं।
- लोकतंत्र को बचाने के लिए बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज देशभर में संविधान हत्या दिवस मनाया जा रहा है।
- और, अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमरीकी हवाई हमलों में ईरान की परमाणु सुविधा नष्ट नहीं होने वाली रिपोर्ट के दावे को खारिज किया।
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